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Monday, August 2, 2010

जा तुझे सपने पूरे करने है..

आज- कल में सब कॉलेज खुल जायेगे.. सब बच्चे माँ, पापा, दीदी, भाई , नन्हें  नन्हीं ... को छोड़ कर आपने कॉलेज को जायेगे.. रूडकी, कोचिन. बेंगलुरु, कोलकाता, पुणे,  और कहाँ ...कहाँ ....  गौतम, विकास , शोभित, अनुराग, रोजी.. सब जा रहें है.. एक दिन हम भी निकले थे.. पूरा करने सपनों को आपनों को छोड़ कर...
माँ , पापा,, के सपने... बस तू जहाँ रहें... अच्छे से रहें..
भैया ... जा  मस्त रहना...

                    ....... जा तुझे सपने पूरे करने हैं ..





गौतम मिस करता हूँ तुमको...
2अगस्त 2010

2 comments:

  1. seems u r one person who feels emotions truly...i should say u r a fantastic writer.a person with depth..
    keep up the gud work so tht we can enjoy ur reading and feel attached.

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  2. yes sir..........every1 is going bck ,v can't stop them 4 the sake of there success,as people did 4 us in our time................wt v can do is only 2 wish dat they gt true n good people like v hav in our group...........

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