लेह में भयंकर प्राकृतिक आपदा आयी है...
पूरा का पूरा लेह जल में लीन हो गया ....
पहले 132 फिर 300 फिर 500 ...........
लापता की तो गिनती ही हो रही है......
- जो हाथ सेवा, बचाव के लिए गए थे, वो थे हमरे सैनिक , भातिसिपू के जवान ,वायु सेना... कुछ सैलानी .
मैंने जीवन में इतनी भयंकर तबाही की खबर आज तक ना सुनी... शायद आप ने भी नहीं...
- भारतीय सेना ने तो माना ही है कि ये इतिहास का सबसे बड़ा बचाव और राहत कार्य है ...
जरा बचाव और राहत कैंप का दृश्य देखिये.....
बेटा .... पानी दे दो....
ला रहा हूँ माँ .......
भैयायया !!!!!! सिर दर्द से फटा जा रा है
अभी पट्टी बदल रहा हूँ .. आता हूँ..
दावा पी लो बहन ....
बेटा!!!!!!!!!!!!!!..ओ बेटा .... कहाँ चले गए तुम ....
लील लिया बाढ़ ने सब कुछ...
नहीं माँ... मैं हूँ ना तुम्हारे पास...
मेरा नन्हा बच्चा ....कहाँ ... बह गया.. ये तुम बाबू....
मिल जायेगा बहन ... ढूँढ रहें हैं हम लोग ....
सारा घर बर्बाद हो गया...
कोई नहीं हम बनायेंगे भैया ....
"ये सेवा करते हाथ , नया लेह बनाते हाथ.... संस्तुति करने वाले मुख से करोड़ गुणा अघिक हैं ...."
जरा गौर कीजिये
- एक बच्ची बचाव कार्य में मिली है... उसकी माँ... हस्पताल में ही है.... उस माँ को उसकी बच्ची से मिलाते वो हाथ ......
उस माँ की दर्द भरी आँखों में जिसने खुशियाँ वापस की है... उसे उस माँ का कैसे आशीर्वाद मिला होगा..........
हे सेना के जवानों तुम्हें शत् शत् नमन....
माँ का कर्ज तुम्हीं उतार रहे हो .....
मुकेश भारती
http://www.bbc.co.uk/hindi/multimedia/2010/08/100807_leh_gallery_vv.shtml 10 अगस्त 2010, गौचर, (उत्तराखंड)
on behalf of armed forces a lot of love and wishes to you. we are proud of such a wonderful person on the earth like you who always contributes himself whatever he can do.
ReplyDeletethanks for your respect and feelings.