ये दूरी सताती है ,
रुलाती और परेशान भी करती है.....
" दुनिया के बारे में लिखते हो, पर मेरी याद में रोये ...तो ब्लॉग क्यों ना लिख लिया ?"
ये शिकायत थी उसकी .....
मैं उसके लिए कुछ भी नहीं लिख पाता हूँ .....
मेरी सोच इस दर्द को क्यों बयां नहीं कर पाती ..?
क्या करूँ ?
.... कैसे बताऊँ तुझे कि इस दर्द को तुझसे मिले बगैर नहीं मिटा सकता ...
मेरे दर्द की दवा बस मिलन और प्यार है.... ये ब्लॉग नहीं.....
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मुकेश भारती
30 अक्टूबर 2010
गोपेश्वर (उत्तराखंड)
तो लिख डालो मुकेश ,
ReplyDeleteदिल की हर धड़कन मै गूंजता हुआ साज़ हो तुम ,
मेरा सुर , मेरे गीत , मेरी आवाज़ हो तुम !
और सारी परेशानी ख़तम कर लो !
achhi kavita or sath hi minakshi ka bhu achha comment h
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